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Class 10 Hindi Chapter 11 Assamese Medium
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कायर मत बन
कायर मत बन
अभ्यासमाला
1. ‘सही’ या ‘गलत’ रूप में उत्तर दो :
(क) कवि नरेंद्र शर्मा व्यक्तिवादी गीतिकवि के रूप में प्रसिद्ध है ।
उत्तर : सही ।
(ख) नरेंद्र शर्मा की कविताओं में भक्ति एवं वैराग्य के स्वर प्रमुख है।
उत्तर : गलत ।
(ग) पंडित नरेंद्र शर्मा की गीति-प्रतिभा के दर्शन छोटी अवस्था में ही होने लगे थे ।
उतर : सही ।
(घ) ‘कायर मत बन’ शीर्षक कविता में कवि ने प्रतिहिंसा से दूर रहने का उपदेश दिया है ।
उत्तर : गलत ।
(ङ) कवि ने माना है कि प्रतिहिंसा व्यक्ति की कमजोरी को दर्शाती है ।
उत्तर : सही ।
2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :
(क) कवि नरेंद्र शर्मा का जन्म कहां हुआ था ?
उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के अंतर्गत जहाँगीरपुर में हुआ था।
(ख) कवि नरेंद्र शर्माी आकाशवाणी के किस कार्यक्रम के संचालक नियुक्त हुए थे ?
उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा को आकाशवाणी के “विविध भारती” कार्यक्रम का निदेशक नियुक्त किया गया था।
(ग) “द्रौपदी” खण्डकाव्य के रचयिता कौन है ?
उत्तर: “द्रौपदी” कविता के लेखक कवि नरेंद्र शर्मा हैं।
(घ) कवि ने किसे ठोकर ने की बात कही है ?
उत्तर: कवि ने लक्ष्य की राह में आने वाली कठिन बाधाओं का सामना करने की बात कही है।
(ङ) मानवता ने मनुष्य को किस प्रकार सींचा है ?
उत्तर: मानवता ने मनुष्य को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष करने और शत्रुओं का सामना करने के लिए प्रेरित किया है।
(च) व्यक्ति को किसके समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए ?
उत्तर: व्यक्ति को कभी भी अन्याय या बुराई के सामने समर्पण नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 3. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग २५ शब्दों में)-
(क) कवि नरेन्द्र शर्मा के गीतों एवं कविताओं की विषयगत विविधता पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा के गीतों और कविताओं में व्यक्तिगत भावनाओं के साथ-साथ सामाजिक प्रगतिशीलता भी झलकती है। उनकी रचनाएँ प्रेम, अलगाव और पुनर्मिलन, हर्ष-विषाद, प्रकृति की मनोरमता, आध्यात्मिकता, रहस्य, राष्ट्रीय भावना और सामाजिक असमानता जैसे अनेक विषयों को छूती हैं।
(ख) नरेंद्र शर्मा जी की काव्य-भाषा पर टिप्पणी प्रस्तुत करो ।
उत्तर: गीतकार नरेंद्र शर्मा की काव्य भाषा में सरलता, स्पष्टता और संगीतमय लय से युक्त देहाती बोली की विशेषता है। उनकी भाषा सहजता से प्रवाहित होती है और उसमें ओज, मधुरता, आत्मीयता, चित्रात्मक निरूपण और आलंकारिक अभिव्यक्ति के गुण विद्यमान हैं। ये तीन गुण मिलकर उनकी काव्य भाषा के अनूठे सार को गढ़ते हैं।
(ग) कवि ने कैसे जीवन को जीवन नहीं माना है ?
उत्तर: विपत्ति के समय सिर झुकाकर, दुःख के आँसू पीकर जीवन जीना ही वास्तव में जीना नहीं है। कवि का सुझाव है कि ऐसा जीवन कायरतापूर्ण है और इसका कोई मूल्य नहीं है।
(घ) कवि ने कायरता को प्रतिहिंसा से अधिक उपवित्र क्यों कहा है ?
उत्तर: गीतकार कवि नरेंद्र शर्मा के अनुसार, कायरता वह है जब व्यक्ति किसी परिस्थिति से डरकर भाग जाता है। चुनौतियों और बाधाओं से बचने से किसी को जीवन के लक्ष्य हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी। इसके बजाय, लोगों को कठिनाइयों का बहादुरी से सामना करना चाहिए और अपने विरोधियों का डटकर सामना करना चाहिए। इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति अपने खिलाफ होने वाली हिंसा का मुकाबला कर सकते हैं और अपने आंतरिक संकल्प को मजबूत बना सकते हैं। कवि प्रतिशोध से भी अधिक अपवित्र कार्य मानते हुए कायरता के विरुद्ध सलाह देते हैं।
(ङ) कवि की दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप क्या है ?
उत्तर: कवि के अनुसार, सच्चाई इस तथ्य में निहित है कि जो लोग अपने जीवन के लक्ष्यों में बाधा डालने वाली बाधाओं से भाग जाते हैं, वे उन्हें कभी हासिल नहीं कर पाते हैं। यह दर्शाता है कि वे चुनौतियों का सामना करने की क्षमता नहीं रखते हैं। वहीं, जो लोग चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं और मानवता को अमर बनाने का प्रयास करते हैं, वे ही वास्तव में प्रगति करते हैं। यह दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
प्रश्न 4. संक्षेप में उत्तर दो (लगभग ५० शब्दों में) :
(क) ‘कायर मत बन कविता का संदेश क्या है ?
उत्तर: मनुष्य को कभी भी विपत्ति या शत्रु के सामने सिर नहीं झुकाना चाहिए। हिंसा का सामना करने पर भी व्यक्ति को कायरता का शिकार नहीं बनना चाहिए। मानवता की रक्षा के लिए, व्यक्ति को दुष्ट विरोधियों का बहादुरी से सामना करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो अपना सब कुछ बलिदान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मानवता अविचलित रहे और हिंसा न फैले, कठोर प्रतिरोध आवश्यक है।
(ख) ‘कुछ न करेगा ? किया करेगा ― रे मनुष्य ― बस कातर क्रंदन का आशय स्पष्ट करो ।
उत्तर: इसमें कवि मानवता को संबोधित करते हुए कहते हैं कि विपत्ति से डरकर भागना और दुःख में डूब जाना मानव जीवन का उद्देश्य नहीं है। परिस्थितियों का साहस और दृढ़ संकल्प के साथ सामना करना मानव जीवन का कर्तव्य है। किसी को भी कायरता के आगे झुकना नहीं चाहिए।
SL No | Chapter Link |
1 | नींव की ईंट |
2 | छोटा जादूगर |
3 | नीलकंठ |
4 | भोलाराम का जीव |
5 | सड़क की बात |
6 | चिट्ठियों की अनूठी दुनिया |
7 | साखी |
8 | पद-त्रय |
9 | जो बीत गयी |
10 | कलम और तलवार |
11 | कायर मत बन |
12 | मृत्तिका |
(ग) ‘या तो जीत प्रीति के बल, या तेरा पथ चुमे तस्कर’―का तात्पर्य बताओ ।
उत्तर: इसमें कवि लोगों को प्रेम की शक्ति से दूसरों पर विजय प्राप्त करने की सलाह देते हैं। यदि प्रेम विफल हो जाए, तो हिंसा का प्रतिउत्तर केवल हिंसा से ही दिया जाना चाहिए। किसी व्यक्ति की सुरक्षा मानवता की सुरक्षा की तुलना में महत्वहीन है। कवि कायरता की कटु निंदा करते हैं, इसे अशुद्धता का जीवन, सच्चे अस्तित्व से रहित बताते हैं। प्रतिशोध को कमजोरी की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है, जिसे कायरता से भी अधिक अशुद्ध माना जाता है।
(घ) कवि प्रतिहिंसा को व्यक्त की दुर्वलता क्यो कहा है ?
उत्तर: गीतकार कवि नरेंद्र शर्मा का दृष्टिकोण मानवतावादी है। मानवतावाद का सार किसी के प्रेम और स्नेह की शक्ति में निहित है। किसी व्यक्ति का आचरण और कर्म सत्य, न्याय, अहिंसा और प्रेम जैसे गुणों से निर्देशित होते हैं। किसी महान व्यक्ति की प्रशंसा करते समय, व्यक्ति को उनके गुणों को अपनाने का भी प्रयास करना चाहिए, जो मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं। इसके विपरीत, हिंसा का जवाब हिंसा से देने से हमारे भीतर विनम्रता, नम्रता, धैर्य और सहनशीलता जैसे पवित्र गुण नष्ट हो जाते हैं। अतः, कवि प्रतिहिंसा को कमजोरी का लक्षण मानते हैं।
5. सम्यक उत्तर दो (लगभग १00 शब्दो )
(क) सज्जन और दुर्जन के प्रति मनुष्य के व्यवहार कैसे होने चाहिए ? पठित ‘कायर मत बन’कविता के आधार पर उत्तर दो ।
उत्तर: समाज में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के व्यक्ति होते हैं। एक महान व्यक्ति सज्जनता, पवित्रता, नम्रता, मानवता, अहिंसा और प्रेम जैसे गुणों के माध्यम से लोगों का प्यार अर्जित करता है। लोग उनका सम्मान करते हैं और उनके गुणों का अनुकरण करने की आकांक्षा रखते हैं। हमें ऐसे कार्यों से बचना चाहिए जो किसी महान व्यक्ति के दिल को ठेस पहुँचाते हैं, इसके बजाय उनके साथ प्रेम, विनम्रता और दयालुता का व्यवहार करना चाहिए।
इसके विपरीत, हमें उन लोगों का डटकर मुकाबला करना चाहिए जो हिंसा और अन्याय का प्रचार करते हैं, समाज को बर्बरता की ओर ले जाते हैं। मानवता की प्रगति में बाधा डालने वाले ऐसे व्यक्तियों के गलत कार्यों और अन्याय को रोकने के लिए, हमें उनके सामने झुकने से इनकार करते हुए साहसपूर्वक और दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए।
(ख) ‘कायर मन बन’ कविता का सारांश लिखो ।
उत्तर:किसी व्यक्ति को अपने लक्ष्य की राह में बाधा बनने वाली बाधाओं का सामना करते हुए भागना नहीं चाहिए। दुःखों से ग्रस्त जीवन जीना कायरता का प्रतीक है। मानवता के लिए सर्वस्व बलिदान करना परम कर्तव्य है। अन्याय का विरोध करने और अन्याय करने वालों का मुकाबला करने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प आवश्यक है।
कवि प्रतिशोध को एक कमजोरी के रूप में देखते हैं, और जोर देकर कहते हैं कि कायरता और भी अधिक अशुद्ध है। अत: व्यक्ति को कभी भी कायरता के आगे झुकना नहीं चाहिए।
एक महान व्यक्ति का जीवन पवित्र होता है और हर किसी का लक्ष्य या तो उनके गुणों का अनुकरण करना या उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना होना चाहिए। इसके विपरीत, स्वयं के विनाश को रोकने के लिए दुष्टों के साथ कठोरता से व्यवहार करना आवश्यक है।
(ग) कवि नरेंद्र शर्मा का सहित्यक परचय दो।
उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा की साहित्यिक प्रतिभा कम उम्र से ही प्रकट होने लगी थी। उन्होंने अपने छात्र जीवन के दौरान गीतों के दो संग्रह प्रकाशित किए और जीवन भर लिखना जारी रखा। वे आधुनिक हिंदी कविता आंदोलन, विशेष रूप से छायावाद और छायावादोत्तर युग में व्यक्तिवादी गीत काव्य के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनकी कुछ कविताएं प्रगतिशील विषयों को भी दर्शाती हैं। उनकी काव्य कृतियों में ‘प्रभात फेरी’, ‘प्रवासी के गीत’, ‘पलाशवन’, ‘मिट्टी के फूल’, ‘हंसावली’, ‘रक्त चंदन’, ‘कदलीवन’, ‘द्रौपदी’ (एक कथात्मक कविता), ‘उत्तरजय’ (एक कथात्मक कविता), और ‘सुवर्णा’ (एक कथात्मक कविता) जैसी रचनाएँ शामिल हैं, जो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनका कहानी संग्रह ‘कड़वी मीठी बातें’ भी प्रशंसनीय है।
6. प्रसंग सहित व्याख्या करो :
(क) “ले-दे कर जीना……युगों तक खून पसीना ।”
उत्तर: ये पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-2 में गीत कवि नरेंद्र शर्मा द्वारा लिखित कविता “क्यार मत बन” से हैं।
इस कविता में, कवि व्यक्तियों को साहस और दृढ़ संकल्प के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
शर्मा इस बात पर जोर देते हैं कि व्यक्ति कठिनाइयों को सहकर और लगन से प्रयास करके अपनी अखंडता बनाए रखते हैं। डर के मारे चुनौतियों से भागना और निरंतर दुःख में रहना धार्मिक जीवन का सूचक नहीं है। हिंसा और अन्याय पर मानवता के संरक्षण को प्राथमिकता देना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता।
(ख) “युद्धं देहि’ कहे जब…….तेरा पथ चूमे तस्कर ।”
उत्तर: ये पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक “आलोक भाग-2” में गीतकार नरेंद्र शर्मा द्वारा लिखित कविता “क्यार मत बन” से हैं।
इस कविता में कवि व्यक्तियों को अपने विरोधियों का मुकाबला करने के लिए प्रेरित करते हैं।
मानवता को संबोधित करते हुए, कवि सलाह देते हैं कि जब किसी दुश्मन की चुनौती का सामना करना पड़े, तो साहस के साथ जवाब देना चाहिए। प्रेम की शक्ति से विरोधियों पर विजय प्राप्त करना सम्माननीय लोगों के समाज में प्राप्त करने योग्य एक महान प्रयास है। हालाँकि, हिंसा के सामने कायरतापूर्वक आत्मसमर्पण करना जीना नहीं है। परिस्थितियों का बहादुरी से सामना करने वाले ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं।
अर्थ:
- “युद्धम देहि” का अर्थ है युद्ध का आह्वान करना।
- “पामर” का तात्पर्य दुष्ट या घृणित शत्रुओं से है।
- “दुहाई” एक शपथ का प्रतीक है।
- “पीठ मोड़ना” का अर्थ है युद्ध के मैदान से भाग जाना।
- “प्राप्ति” प्यार या स्नेह का प्रतिनिधित्व करती है।
- “तस्कर” का तात्पर्य किसी ऐसे व्यक्ति से है जो नापाक गतिविधियों में लिप्त है।
भाषा एवं व्याकरण ज्ञान
1. खाली जगहों में ‘न’, ‘नहीं’ अथवा ‘मत’ का प्रयोग करके वाक्यों को फिर से लिखों :
(क) तु कभी भी कायर ……. बन ।
उत्तर : तु कभी भी कायर मत बन ।
(ख) तुम कभी कायर …….. बनो ।
उत्तर : तुम कभी कायर मत बनो ।
(ग) आप कभी भी कायर …….. बने ।
उत्तर : आप कभी भी कायर न बने ।
(घ) हमें कभी भी कायर बनना ……. चाहिए ।
उत्तर : हमें कभी भी कायर बनना नहीं चाहिए ।
2. अर्थ लिखकर निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करो :
ले-दे कर जीना, गम के आँसू पीना, खून-पसीना बहाना, पीठ फेरना, टस से मस न होना, कालिख लगना, कमर कसना, आँचल में बाँधना ।
उत्तर: ले-दे कर जीना (Le-de kar jeena):
- अर्थ: समझौतों और समायोजन के साथ जीवन जीना।
- वाक्य: गरीबी में, हमें ले-दे कर जीना ही पड़ता है। (In poverty, we have to live a life of compromise and adjustment.)
उत्तर: गम के आँसू पीना (Gam ke aansu peena):
- अर्थ: दुःख के आँसू बहाना।
- वाक्य: अपने बेटे की मृत्यु के बाद, माँ गम के आँसू पी रही थी। (After her son’s death, the mother was shedding tears of sorrow.)
उत्तर: खून-पसीना बहाना (Khoon-pasina bahana):
- अर्थ: बहुत मेहनत करना, बहुत प्रयास करना।
- वाक्य: उन्होंने अपनी सफलता के लिए खून-पसीना बहाया। (They worked very hard for their success.)
उत्तर: पीठ फेरना (Peet pherana):
- अर्थ: किसी का साथ छोड़ देना, धोखा देना।
- वाक्य: मुझे विश्वास नहीं हो सकता कि उसने मुश्किल समय में मेरी पीठ फेर दी। (I can’t believe he turned his back on me in my time of need.)
उत्तर: टस से मस न होना (Tus se mas na hona):
- अर्थ: किसी बात से अप्रभावित या अचल रहना।
- वाक्य: उनकी बातों का मुझ पर कोई असर नहीं हुआ, मैं टस से मस नहीं हुआ। (His words had no effect on me, I remained unaffected.)
उत्तर: कालिख लगना (Kaalik lagna):
- अर्थ: कलंकित होना या बदनाम होना।
- वाक्य: उनकी बेईमानी के कारण उनके परिवार की प्रतिष्ठा पर कालिख लग गई। (Their family’s reputation was tarnished due to his dishonesty.)
उत्तर: कमर कसना (Kamar kasna):
- अर्थ: किसी कठिन कार्य के लिए तैयार होना, हिम्मत जुटाना।
- वाक्य: वह परीक्षा के लिए कमर कस चुका था। (He was ready for the exam.)
उत्तर: आँचल में बाँधना (Aanchal mein baandhna):
- अर्थ: किसी को या किसी चीज़ को प्यार से सुरक्षित रखना।
- वाक्य: माँ ने अपने बच्चे को आँचल में बाँध लिया। (The mother held her child close to her chest.)
3. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखो :
(क) सभा में अनेकों लोग एकत्रित हुए है ।
उत्तर: सभा में अनेक लोग एकत्रित हुए हैं
(ख) मुझे दो सौ रुपए चाहिए ।
उत्तर: मुझे दो सौ रुपये चाहिए।
(ग) बच्चे छत में खेल रहे है ।
उत्तर: बच्चे छत पर खेल रहे हैं।
(घ) मैंने यह घड़ी सात सौ रुपए से ली है ।
उत्तर: मैंने यह घड़ी सात सौ रुपये में ली है।
(ङ) मेरे को घर जाना है ।
उत्तर: मुझे घर जाना है।
(च) बच्चे को काटकर गाजर खिलाओ ।
उत्तर: बच्चे को काटकर गाजर खिलाओ।
(छ) उसने पुस्तक पढ़ चुका ।
उत्तर: उसने पुस्तक पढ़ ली है।
(ज) जब भी आप आओ, मुझसे मिलो ।
उत्तर: जब भी आप आएं, मुझसे मिलें।
(झ) हम रात को देर से भोजन खाते है ।
उत्तर: हम रात को देर से भोजन करते हैं।
(ञ) बाघ और बकरी एक ही घाट पानी पीति है ।
उत्तर: बाघ और बकरी एक ही घाट से पानी पीते हैं।
4. निम्नलिखित शब्दों से प्रत्यय प्रत्ययो को अलग करो :
आधुनिक, विषमता, भलाई, लड़कपन, बुढ़ापा, मालिन, गरीबी
1. आधुनिक (Aadhunik):
- मूल शब्द (Root Word): आधुन (Aadhun) – अर्थ (Meaning): आधुनिकता (Modernity)
- प्रत्यय (Suffix): -िक (-ik) – कार्य (Function): संज्ञा से विशेषण बनाना (Forming adjectives from nouns)
2. विषमता (Vishamta):
- मूल शब्द (Root Word): विषम (Visham) – अर्थ (Meaning): असमान (Unequal)
- प्रत्यय (Suffix): -ता (-ta) – कार्य (Function): विशेषण से संज्ञा बनाना (Forming nouns from adjectives)
3. भलाई (Bhalai):
- मूल शब्द (Root Word): भला (Bhala) – अर्थ (Meaning): अच्छा (Good)
- प्रत्यय (Suffix): -ई (-ee) – कार्य (Function): पुल्लिंग संज्ञा से स्त्रीलिंग संज्ञा बनाना (Forming feminine nouns from masculine nouns)
4. लड़कपन (Ladakpan):
- मूल शब्द (Root Word): लड़का (Ladka) – अर्थ (Meaning): लड़का (Boy)
- प्रत्यय (Suffix): -पन (-pan) – कार्य (Function): दशा या गुणवत्ता को दर्शाने वाली संज्ञा बनाना (Forming nouns indicating state or quality)
5. बुढ़ापा (Budhapa):
- मूल शब्द (Root Word): बुढ़ा (Budha) – अर्थ (Meaning): बूढ़ा (Old)
- प्रत्यय (Suffix): -पा (-pa) – कार्य (Function): दशा या गुणवत्ता को दर्शाने वाली संज्ञा बनाना (Forming nouns indicating state or quality)
6. मालिन (Malin):
- मूल शब्द (Root Word): माली (Maali) – अर्थ (Meaning): माली (Gardener)
- प्रत्यय (Suffix): -िन (-in) – कार्य (Function): पुल्लिंग संज्ञा से स्त्रीलिंग संज्ञा बनाना (Forming feminine nouns from masculine nouns)
7. गरीबी (Gareebi):
- मूल शब्द (Root Word): गरीब (Gareeb) – अर्थ (Meaning): गरीब (Poor)
- प्रत्यय (Suffix): -ई (-ee) – कार्य (Function): पुल्लिंग संज्ञा से स्त्रीलिंग संज्ञा बनाना (Forming feminine nouns from masculine nouns)
5. कोष्ठक में दिए गये निर्देशानुसार वाक्यों को परिवर्तित करो :
(क) मैंने एक दुबला-पतला आदमी देखा था। (मिश्र वाक्य बनाओ)
उत्तर: मैंने एक दुबला-पतला आदमी देखा था जो बहुत गरीब लग रहा था। (Mixed Sentence)
Explanation:
- This sentence has been transformed into a mixed sentence by adding a subordinate clause “जो बहुत गरीब लग रहा था” (who seemed very poor) to the main clause “मैंने एक दुबला-पतला आदमी देखा था” (I saw a thin and slender man).
(ख) जो विद्यार्थी मेहनत करता है वह अवश्य सफल होता है (सरल वाक्य बनाओ) ।
उत्तर: मेहनत करने वाला विद्यार्थी अवश्य सफल होता है। (Simple Sentence)
Explanation:
- This sentence has been transformed into a simple sentence by removing the conjunction “जो” (who) and rearranging the words to create a subject-verb-object structure.
(ग) किसान को अपने परिश्रम का लाभ नहीं मिलता । (संयुक्त वाक्य बनाओ)
उत्तर: किसान परिश्रम करता है, परंतु उसे अपने परिश्रम का लाभ नहीं मिलता। (Compound Sentence)
Explanation:
- This sentence has been transformed into a compound sentence by joining two independent clauses using the conjunction “परंतु” (but).
(घ) लड़का बजार जएगा । (निषेधवाचक वाक्य बनाओ)
उत्तर: लड़का बजार नहीं जाएगा। (Negative Sentence)
Explanation:
- This sentence has been transformed into a negative sentence by adding the negation word “नहीं” (not) to the verb “जएगा” (will go).
(ङ) लड़की गाना गएगी । (प्रश्नवाचक वाक्य बनाओ)
उत्तर: क्या लड़की गाना गएगी? (Interrogative Sentence)
Explanation:
- This sentence has been transformed into an interrogative sentence by adding the question word “क्या” (whether) and rearranging the words to create a question structure.