चिट्ठियों की अनूठी दुनिया | Class 10 Hindi Chapter 6 Assamese

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Class 10 Hindi Chapter 6 Assamese

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चिट्ठियों की अनूठी दुनिया

1. सही विकल्प का चयन करो :

(क) पत्र को ऊर्दू में क्या कहा जाता है ? 

(अ) खत।                                       (आ) चिट्ठी।

(इ) कागद।                                     (ई) लेख। 

उत्तर : (अ) खत ।

(ख) पत्र लेखन है- 

(अ) एक तरीका।                             (आ) एक व्यवस्था।

(इ) एक कला।                                 (ई) एक रचना। 

उत्तर : (इ) एक कला। 

(ग) विश्व डाक संघ ने पत्र लेखन की प्रतियोगिता शुरु की- 

(अ) सन् 1970 से।                       (आ) सन् 1971 से।

(इ) सन् 1972 से।                         (ई) सन् 1973 से।

उत्तर : (इ) सन् 1972 से ।

(घ) महात्मा गांधी के पास दुनियाभर से तमाम पत्र किस पते पर आते थे ? 

(अ) मोहनदास करमचन्द्र गांधी―भारत।         (आ) महात्मा गाँधी-भारत।

(इ) बापूजी―इन्डिया।                                   (ई) महात्मा गाँधी―इन्डिया। 

उत्तर : (ई) महात्मा गाँधी―इंडिया ।

(ङ) तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल किसकी है ?

(अ) रेल विभाग।                            (आ) डाक विभाग। 

(इ) शिक्षा विभाग।                           (ई) गृह विभाग।

उत्तर : (इ) डाक विभाग  ।

2. संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में) 

  1. प्रश्न: पत्र ऐसा क्या काम कर सकता है, जो संचार का आधुनिकतम साधन भी नहीं कर सकता?

उत्तर: पत्र गहरी भावनाओं को व्यक्त कर, स्मृतियाँ संजोते और रचनात्मकता को जगाते हैं।

  1. प्रश्न: चिट्ठियों की तेजी अन्य किन साधनों के कारण बाधा प्राप्त हुई है?

उत्तर: मोबाइल, इंटरनेट आदि के आने से चिट्ठियों की तेजी कम हुई।

  1. प्रश्न: पत्र जैसा संतोष फोन या एस. एम. एस. का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

उत्तर: फोन/एसएमएस संदेशों में भावनाओं की कमी, अस्थायी स्वरूप और संक्षिप्तता होती है।

  1. प्रश्न: गांधी जी के पास देश-दुनिया से आये पत्रों का जवाब वे किस प्रकार देते थे?

उत्तर: गांधीजी जल्द ही स्वयं दोनों हाथों से पत्रों का उत्तर देते थे।

  1. प्रश्न: कैसे लोग अब भी बहुत ही उत्सुकता से पत्रों का इंतजार करते है?

उत्तर: व्यक्तिगत स्पर्श, स्थायी यादें और विस्तृत संवाद के लिए लोग पत्रों का इंतजार करते हैं।

3. उत्तर दो (लगभग 50 शब्द ) 

क) पत्रों के नाम विभिन्न भाषाओं में:

  • उर्दू: खत
  • संस्कृत: पत्र
  • कन्नड़: कागद
  • तेलुगु: उत्तरम, जाबू, लेख
  • तमिल: कडिद

ख) भारत में प्रतिदिन डाक में भेजी जाने वाली चिट्ठियों की संख्या:

पाठ में, भारत में प्रतिदिन डाक में भेजी जाने वाली चिट्ठियों की संख्या का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

ग) क्या चिट्ठियों की जगह आधुनिक संचार साधन ले सकते हैं?

नहीं, चिट्ठियों की जगह आधुनिक संचार साधन पूरी तरह से नहीं ले सकते। चिट्ठियाँ भावनाओं को व्यक्त करने और स्मृतियों को संजोने का एक अनूठा माध्यम हैं, जो आधुनिक साधनों से संभव नहीं है।

घ) आजादी की लड़ाई की तीव्रता को दर्शाने वाले पत्र:

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, अंग्रेज अधिकारियों द्वारा अपने परिवारों को लिखे गए पत्र आजादी की लड़ाई की तीव्रता और बलिदान को दर्शाने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।

ङ) संचार के कुछ आधुनिक साधन:

  • मोबाइल फोन
  • फेक्स
  • ईमेल
  • इंटरनेट
  • रडार

अतिरिक्त टिप्पणी:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पाठ में दी गई जानकारी 2024 तक पुरानी हो सकती है। डाक सेवाओं और संचार माध्यमों में समय के साथ बदलाव आते रहते हैं।

(क) पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए ? 

पत्र: संवाद का एक अविस्मरणीय माध्यम

आधुनिक संचार के साधनों के आने के बावजूद, पत्र अभिव्यक्ति और जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है। यह सारांश पत्र लेखन के विकास और तकनीकी प्रगति के बावजूद इसकी स्थायी प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।

मुख्य बिंदु:

  • सदियों से पत्रों ने साहित्य और राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • डाक प्रणालियों के विकास ने पत्र लेखन और इसके व्यापक उपयोग को सुगम बनाया है।
  • पिछली शताब्दी में शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के माध्यम से इसे बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ पत्र लेखन एक कला के रूप में विकसित हुआ।
  • आधुनिक संचार के तरीकों के उदय के बावजूद, पत्र सरकारी और व्यावसायिक सेटिंग्स में अपना महत्व बनाए हुए हैं।

निष्कर्ष:

आधुनिक संचार साधनों से चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, पत्र व्यक्तिगत अभिव्यक्ति, ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में और कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रभावी संचार के साधन के रूप में अपना मूल्य बनाए रखते हैं।

(ख) वास्तव में पत्र किसी दस्तावेज़ से कम नहीं है कैसे ? 

पत्र केवल संवाद का साधन नहीं हैं, बल्कि वे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हैं जो उस समय के सामाजिक, राजनीतिक, साहित्यिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों का चित्रण करते हैं।

उदाहरण:

  • सुमित्रानंदन पंत और जयशंकर प्रसाद: इन दोनों कवियों के बीच हुए पत्रों से उस समय की साहित्यिक गतिविधियों और विचारों का पता चलता है।
  • प्रेमचंद: प्रेमचंद अपने पत्रों में नौसिखिए लेखकों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देते थे।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर: इन महान हस्तियों के पत्र स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधारों और विचारों के महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
  • गांधी और टैगोर के पत्र: इन दोनों महापुरुषों के बीच 1915 से 1941 तक हुए पत्रों के संग्रह से उनके विचारों, राजनीतिक गतिविधियों और व्यक्तिगत संबंधों का गहरा ज्ञान प्राप्त होता है।

निष्कर्ष:

पत्रों का संग्रह किसी देश, परिवार या व्यक्ति के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। वे उस समय के सामाजिक, राजनीतिक, साहित्यिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों का मूल्यवान दस्तावेजीकरण प्रदान करते हैं।

अतिरिक्त टिप्पणी:

  • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी पत्रों में समान महत्व नहीं होता है। केवल वे पत्र जो ऐतिहासिक, साहित्यिक या व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं, उन्हें दस्तावेज माना जा सकता है।
  • पत्रों का अध्ययन करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संदर्भ में रखा जाए।

(ग) भारतीय डाकघरों की बहु आयामी भूमिका पर आलोकपात करो।

भारतीय डाक सेवा, देश के सरकारी विभागों में से एक महत्वपूर्ण विभाग है, जो जनता के संपर्क में सबसे अधिक आता है। यह विभाग शहरों के ऊंचे इमारतों से लेकर झोपड़ियों तक, हर जगह अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

डाक व्यवस्था की विस्तृत भूमिका:

  • पत्रों का आदान-प्रदान: डाक व्यवस्था का मूल काम पत्रों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना है।
  • पार्सल: डाकघरों से छोटे-बड़े सामान (पार्सल) भी भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • रेजिस्ट्री: मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित तरीके से भेजने के लिए रेजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध है।
  • बैंकिंग: डाकघर बचत खाता, मनी ऑर्डर, डाक टिकट, बीमा योजनाएं आदि जैसी अनेक वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • अन्य सेवाएं: डाकघरों से आधार कार्ड, पासपोर्ट आवेदन, बिजली बिल जमा, टिकट बुकिंग आदि जैसी विभिन्न सेवाएं भी प्राप्त की जा सकती हैं।

दूरदराज के क्षेत्रों में डाकघरों का महत्व:

  • आर्थिक सहायता: दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मनीऑर्डर से धन प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है।
  • संचार का साधन: इन क्षेत्रों में डाकिया अक्सर संचार का एकमात्र साधन होते हैं, जो समाचार और जानकारी पहुंचाते हैं।
  • सामाजिक जुड़ाव: डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं।

निष्कर्ष:

भारतीय डाकघर केवल पत्रों को भेजने और प्राप्त करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जनजीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हुए, बहुआयामी भूमिका निभाते हैं। वे देश के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

अतिरिक्त टिप्पणी:

  • डाकघरों की भूमिका समय के साथ बदलती रही है। तकनीकी प्रगति के साथ, डाकघरों को अपनी सेवाओं को अनुकूलित करना और नए तरीकों से जनता की सेवा करना जारी रखना होगा।
  • डाकघरों को ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने और डिजिटल सेवाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

1. केवल ‘पत्र’ कहने से सामान्यतः चिट्ठियों के बारे में ही समझा जाता है। परंतु अन्य शब्दों के साथ संयोग से पत्र का अर्थ बदल जाता है, जैसे समाचार पत्र । अब पत्र शब्द के योग से बनने वाले पांच शब्द लिखो। 

“पत्र” शब्द के योग से बनने वाले पांच शब्द:
  1. पत्रिका: यह एक आवधिक प्रकाशन है जिसमें विभिन्न विषयों पर लेख, समाचार और अन्य जानकारी शामिल होती है।
  2. पत्रावली: यह आधिकारिक दस्तावेजों का संग्रह है जो किसी विशेष विषय या मामले से संबंधित होते हैं।
  3. पत्रांक: यह एक लिखित संदेश होता है जिसे किसी व्यक्ति या संगठन को औपचारिक रूप से भेजा जाता है।
  4. पत्र-व्यवहार: यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच लिखित संदेशों का आदान-प्रदान है।
  5. पत्र-पत्रिका: यह पत्र और पत्रिका का संयुक्त शब्द है, जिसका अर्थ होता है विभिन्न प्रकार के लिखित प्रकाशन।

ध्यान दें:

  • इसके अलावा भी “पत्र” शब्द के योग से बनने वाले और भी कई शब्द हैं।
  • “पत्र” शब्द का अर्थ संदर्भ के अनुसार बदल सकता है।
  • उपरोक्त सूची में केवल कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं।

2. ‘व्यापारिक’ शब्द व्यापार के साथ ‘इक’ प्रत्यय के योग से बना है। ‘इक’ प्रत्यय से बनने वाले पाँच शब्द पुस्तक से खोज कर লিखो । 

“इक” प्रत्यय से बनने वाले पाँच शब्द:
  1. आर्थिक: अर्थ से संबंधित (उदाहरण: आर्थिक नीति)
  2. राजनीतिक: राजनीति से संबंधित (उदाहरण: राजनीतिक पार्टी)
  3. वैज्ञानिक: विज्ञान से संबंधित (उदाहरण: वैज्ञानिक खोज)
  4. तार्किक: तर्क से संबंधित (उदाहरण: तार्किक निष्कर्ष)
  5. सांस्कृतिक: संस्कृति से संबंधित (उदाहरण: सांस्कृतिक विरासत)
SL NoChapter Link
1नींव की ईंट
2छोटा जादूगर
3नीलकंठ
4भोलाराम का जीव
5सड़क की बात
6चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
7साखी
8पद-त्रय
9जो बीत गयी
10कलम और तलवार
11कायर मत बन
12मृत्तिका

ध्यान दें:

  • “इक” प्रत्यय का प्रयोग विभिन्न प्रकार के शब्दों से विशेषण बनाने के लिए किया जाता है।
  • उपरोक्त सूची में केवल कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं।
  • “इक” प्रत्यय से बनने वाले और भी अनेक शब्द हैं।
  • शब्दों का अर्थ और उपयोग संदर्भ के अनुसार भिन्न हो सकता है।

3. दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते है, जैसे― रविंद्र = रवि + इंद्र । इस संधि इ + इ = ई हुई है । इसे दीर्घ संधि कहते है। संधियाँ चार प्रकार की मानी गई है― दीर्घ, गुण, वृद्दि और यण ।

स्वर संधियाँ:

परिभाषा: दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं।

उदाहरण:

  • रवीन्द्र = रवि + इन्द्र: इस संधि में इ + इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं।

संधियों के प्रकार:

संधियों को चार मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

  1. दीर्घ संधि: जब दो स्वर मिलकर एक दीर्घ स्वर बनाते हैं, तो इसे दीर्घ संधि कहते हैं।
    • उदाहरण: रवीन्द्र (रवि + इन्द्र), देवता (देव + आलय)
  2. गुण संधि: जब दो स्वर मिलकर एक गुणयुक्त स्वर बनाते हैं, तो इसे गुण संधि कहते हैं।
    • उदाहरण: राम + ईश्वर = रामेश्वर, श्याम + उमा = श्यामा
  3. वृद्धि संधि: जब किसी स्वर के स्थान पर उसका वृद्धि रूप (आ, ई, ऊ) आ जाता है, तो इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
    • उदाहरण: राजा + ईश्वर = राजेश्वर, देव + अलय = देवालय
  4. यण संधि: जब दो स्वरों के बीच य् (अनुस्वार) आ जाता है, तो इसे यण संधि कहते हैं।
    • उदाहरण: राम + आयण = रामायण, गाय + उमा = गौमा

ध्यान दें:

  • स्वर संधियों के नियमों में कुछ अपवाद भी होते हैं।
  • विभिन्न भाषाओं में स्वर संधियों के नियम भिन्न हो सकते हैं।
  • स्वर संधियों का ज्ञान भाषा को बेहतर ढंग से समझने और लिखने में सहायक होता है.

Additional Question Answer:

1. पत्रों का इतिहास कैसा रहा है?

उत्तर: पत्रों का इतिहास हजारों साल पुराना है। प्राचीन सभ्यताओं में, लोग मिट्टी की गोलियों, पत्थरों और पत्तियों पर लिखकर संवाद करते थे। समय के साथ, चर्मपत्र, कागज और डाक टिकटों का आविष्कार हुआ, जिसने पत्रों को भेजने और प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया।

2. पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: पत्रों को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • व्यक्तिगत पत्र: ये पत्र दोस्तों, परिवार और रिश्तेदारों को लिखे जाते हैं और इनमें व्यक्तिगत विचार, भावनाएं और अनुभव साझा किए जाते हैं।
  • औपचारिक पत्र: ये पत्र व्यवसायों, संस्थानों या सरकारी अधिकारियों को लिखे जाते हैं और इनमें औपचारिक भाषा और शैली का उपयोग किया जाता है।
  • साहित्यिक पत्र: ये पत्र प्रसिद्ध लेखकों, कवियों या अन्य साहित्यिक हस्तियों द्वारा लिखे जाते हैं और इनमें साहित्यिक विषयों, विचारों और भावनाओं पर चर्चा की जाती है।

3. प्रभावी पत्र लिखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: प्रभावी पत्र लिखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • स्पष्टता: पत्र का विषय और उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
  • संक्षिप्तता: पत्र अनावश्यक विवरणों से मुक्त होना चाहिए और सीधे मुद्दे पर आना चाहिए।
  • भाषा: पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट और समझने में आसान होनी चाहिए।
  • भावनात्मक अभिव्यक्ति: पत्र में भावनाओं को स्वाभाविक और ईमानदारी से व्यक्त किया जाना चाहिए।

4. पत्रों का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

उत्तर: पत्रों का हमारे जीवन में अनेक महत्व हैं:

  • संचार: पत्र दूर रहने वाले लोगों के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण साधन हैं।
  • अभिव्यक्ति: पत्र हमें अपनी भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करते हैं।
  • स्मरण: पत्र हमें अतीत की यादों को संजोने और महत्वपूर्ण क्षणों को याद रखने में मदद करते हैं।
  • ऐतिहासिक दस्तावेज: पत्र ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक परिवर्तनों का दस्तावेजीकरण कर सकते हैं।

5. आधुनिक तकनीकों के आगमन से पत्रों की प्रासंगिकता कम हुई है?

उत्तर: आधुनिक तकनीकों जैसे फोन, ईमेल और सोशल मीडिया के आगमन ने निश्चित रूप से पत्रों के उपयोग को कम कर दिया है। हालांकि, पत्र अभी भी अपनी अनूठी विशेषताओं और महत्व को बनाए रखते हैं। वे व्यक्तिगत स्पर्श और भावनात्मक संबंध प्रदान करते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक संचार में अक्सर गायब होते हैं।

6. पत्रों का भविष्य क्या है?

उत्तर: यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में पत्रों का क्या होगा। हालांकि, यह संभावना है कि वे कुछ हद तक अपनी प्रासंगिकता बनाए रखेंगे। कुछ लोग अभी भी व्यक्तिगत पत्र लिखने और प्राप्त करने का आनंद लेते हैं, और वे विशेष अवसरों या महत्वपूर्ण संदेशों के लिए एक मूल्यवान माध्यम बने रह सकते हैं।

7. पत्रों की तुलना में ईमेल के क्या फायदे हैं?

उत्तर: ईमेल के पत्रों पर कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • त्वरित गति: ईमेल तुरंत भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं, जबकि पत्रों को डाक द्वारा भेजा जाना चाहिए।
  • सुविधा: ईमेल लिखना और भेजना आसान है, और उन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है।
  • लागत: ईमेल भेजना आमतौर पर पत्रों की तुलना में सस्ता होता है।
  • प्राचीन मिस्र में पत्र कैसे लिखे जाते थे?

उत्तर: प्राचीन मिस्र में, लोग संदेश लिखने के लिए पपीरस नामक एक पौधे से बनी चादरों का इस्तेमाल करते थे। वे स्याही बनाने के लिए कोयले या गेरू का प्रयोग करते थे।

  1. क्या टेलीग्राम को भी पत्र माना जा सकता है?

उत्तर: हां, टेलीग्राम को एक प्रकार का संक्षिप्त पत्र माना जा सकता है। टेलीग्राम में संदेश बहुत कम शब्दों में लिखा जाता था और इसे तार के माध्यम से तेजी से भेजा जाता था।

  1. क्या स्कूलों में पत्र लेखन सिखाया जाना चाहिए?

उत्तर: हां, स्कूलों में पत्र लेखन कौशल सिखाना महत्वपूर्ण है। यह छात्रों को स्पष्ट रूप से और प्रभावी ढंग से संवाद करने, अपने विचारों को व्यक्त करने और भावनात्मक संबंध बनाने में मदद करता है।

  1. डाक टिकटों का आविष्कार किसने किया?

उत्तर: डाक टिकटों का आविष्कार सर रोव्लैंड हिल नामक एक अंग्रेज व्यक्ति ने किया था।

  1. भारत में पहला डाकघर कब और कहाँ स्थापित हुआ था?

उत्तर: भारत में पहला डाकघर 1773 में कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में स्थापित हुआ था।

  1. डाक विभाग किन अन्य सेवाओं की पेशकश करता है?

उत्तर: डाक विभाग पत्रों और पार्सल के अलावा मनीऑर्डर, स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, बैंकिंग सेवाएं, पासपोर्ट आवेदन जमा करना आदि जैसी कई सेवाएं प्रदान करता है।

  1. क्या खतों को हमेशा डाक विभाग के माध्यम से ही भेजना जरूरी है?

उत्तर: नहीं, आजकल कोरियर सेवाएं भी उपलब्ध हैं जिनका उपयोग खत या पार्सल भेजने के लिए किया जा सकता है।

  1. प्रेमचंद किस प्रकार से पत्रों के माध्यम से नये लेखकों की मदद करते थे?

उत्तर: प्रेमचंद नए लेखकों को उनके द्वारा भेजी गई कहानियों और कविताओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए पत्र लिखते थे। वे उन्हें प्रोत्साहित करते थे और लेखन में सुधार के लिए सुझाव देते थे।

  1. रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी के बीच के पत्रों का क्या महत्व है?

उत्तर: रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी के बीच के पत्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधारों और उनके व्यक्तिगत संबंधों को समझने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।

  1. डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में किस प्रकार से लोगों की सहायता करते हैं?

उत्तर: डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मनीऑर्डर के माध्यम से धन प्राप्त करने, बिलों का भुगतान करने और सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने में सहायता करते हैं।

  1. डिजिटल युग में पत्र लेखन को किस प्रकार प्रोत्साहित किया जा सकता है?

उत्तर: डिजिटल युग में पत्र लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन पत्र लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकती हैं और स्कूलों में पत्र लेखन को एक मजेदार गतिविधि के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

  1. क्या ईमेल के उपयोग से मित्रता के संबंध मजबूत होते हैं या पत्रों के उपयोग से?

उत्तर: यह इस बात पर निर्भर करता है कि दोस्त किस प्रकार के संवाद को पसंद करते हैं। कुछ लोगों को नियमित ईमेल के माध्यम से जुड़े रहना पसंद आता है, जबकि अन्य लोग विशेष अवसरों पर भावपूर्ण पत्र लिखना पसंद करते हैं। दोनों ही मित्रता के संबंध को मजबूत कर सकते हैं।

  1. क्या आप कभी किसी को पत्र लिखते हैं? क्यों या क्यों नहीं?

उत्तर: (छात्र का अपना उत्तर होगा)

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